शनिवार, 14 जून 2014

मधु सिंह : झूल जाऊँगी मैं (साउथ वेल्स यू .के. से )

 अपनी पलकों पे सपने सजाऊँगी मैं
 चाँद  तारों को  घर पर  बुलाऊँगी मैं

 इस कदर आप  मुझसे न  रूठा करे
 अपनी बाँहों में भर-भर मनाऊँगी मैं

 रूठने  की  अदा  आप  की  देख कर
 मन -  ही -  मन     मुस्कराऊँगी मैं

 चाहतें आप की दिल पे काबिज मेरे
 आप  की  चाहतों  को  सजाऊँगी मैं

आप ने इसकइ दर जो इनायत है की
जकड़ बाँहों में अपने झूल जाऊँगी मैं 

सेज सूनी बिलखती  न  रहेगी कभी
सेज पलकों  पे अपने  बनाऊँगी  मैं

                         मधु "मुस्कान "